रखिये वृक्ष का सम्मान.
एक वृक्ष दस पुत्र समान..
सूख रहे हैं ताल तलैया..
अब तो वृक्ष लगा लो भैया..
यह संदेशा रखिये याद.
नहीं करें वन को बर्बाद..
झेले धूप, बिठावै छांव.
चलो वृक्ष, के पूजैं पांव..
कैथ, बील, बट, आंवला, शीशम, पीपल, आम.
जो पाले इन वृक्ष को, पाये स्वर्ग मे धाम..
वन पर बादल रीझ कर, बरसाते निज प्यार.
जल है जीवन, जगत को वृक्ष का उपहार..
ग्यारह वृक्ष लगाये यदि, जीवन मॆ इन्सान.
पाप मुक्त हो जायेगा, कहते वेद पुराण..
सौ बीमारी दूर हो, कहते वैध हकीम.
हर ऑगन लहराये, जो लिये निवोरी नीम..
अमृत वायु देकर हमें, स्वयं करें विष पान.
तरुवर तुममें दीखते, शिव शंकर भगवान..
आभूषण हैं भूमि के, वृक्ष हमारे मीत.
इन्हें कुल्हाडी मारकर करो न तुम भयभीत..