Sunday, February 1, 2009

दिन का स्वागत


महाकवि कालिदास की कलम से:
दिन का स्वागत

आज की तरफ़ देखो
क्योंकि यही जीवन है, यही जीवन का सार है.
इसकी छोटी सी यात्रा मे आपके अस्तित्व की तमाम सच्चाइया बिखरी है:

विकास का आनन्द
कर्म का सुख
सुन्दरता का आकर्शण,

क्योकि गुजरा कल तो एक सपना है
और आने वाला कल सिर्फ़ एक झलक,
परन्तु आज सही से जी ले,तो गुजरा पल सुखद सपना होगा

और हर आने वाला कल, आशा की झलक.
इसलिये, अच्छी तरह से देख लो इस दिन को!
दिन का स्वागत का यही तरीका है.

1 comment:

  1. स्वागत है दोस्त.. बस लिखाते रहो.. अगला कदम है ब्लोगवाणी ओर चिट्ठा जगत में पंजीकरण... कल बात करते है..

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